खजूर एक पेड़ है जिस पर लगने वाले फल गहरे लाल या काले रंग के होते है ये फल मिठास से भरपूर तथा हल्के छिलके से आवरित हुए होते हैं, इन फलों को छिलके सहित खाया जाता है यह पेड़ ताड़ जाति का होता है तथा रेगिस्तानी इलाकों में बहुतयात तौर पर पाया जाता है।
यह पेड़ लम्बा होता है तथा इसके फल भी उंचाई पर जाकर लगते हैं जबकि बाकि का पेड़ एकमात्र तने के आकार में वृद्धि करता है खजूर का हिन्दी में अन्य अर्थ है “तमर या खुर्मा”; खजूर को विशेषकर सर्दी के मौसम में खाया जाता है, जिस कारण इसे कभी कभी इसे सर्दी का मेवा कह कर भी संबोधित किया जाता है, क्योंकि इसके सर्दी के मौसम में बहुत से स्वास्थ्य वर्धक लाभ होते हैं।
जब खजूर का फल ताजा होता है तब इसे खजूर या पिंडखजूर कहा जाता है तथा सूखने के पश्चात यह छुहारा बन जाता है जिसे खरिक भी कहा जाता है छुहारा एक सूखे मेवे के रूप में आत्याधिक प्रसिद्ध है।
पिंडखजूर तथा खजूर दो अलग अलग प्रजातियाँ है जिसमें पिंडखजूर अधिक गुद्देदार, मीठा तथा आकार में बड़ा होता है; इसके अतिरिक्त एक अन्य मिठाई होती है जिसे आटे में घी तथा शक्कर मिलकर बनाया जाता है इस व्यंजन में खजूर का इस्तेमाल भी किया जा सकता है जिस कारण इस प्रकार की मिठाइयों को खजूर की मिठाई कहा जाता है जैसे: खजूर के लड्डू इत्यादि; इस पेड़ से सबंधित संत कबीर जी का एक प्रसिद्द दोहा भी हिन्दी में लोकप्रिय है जो इस प्रकार है:--
“बड़ा हुआ तो क्या हुआ, जैसे पेड़ खजूर, पंथी को छाया नही, फल लागे अति दूर...”
इस दोहे के अर्थानुसार व्यक्ति को सम्पति से नही अपितु दिल से बड़ा होना चाहिए अर्थात खजूर का वृक्ष दिखने में तो बड़ा है परन्तु ना तो यह किसी यात्री को छाँव देता है और इसके इसके फल भी अधिक उंचाई पर लगते हैं; खजूर का पेड़ बहुत ही प्राचीन काल से पाया जाता रहा है।
खजूर के अन्य पर्यायवाची हैं जैसे: छुहारा, तमर, खुर्मा, खरिक, पिंडखजूर इत्यादि; खजूर को अंग्रेजी में डेट (Date) (डी.ए.टी.ई.) कहा जाता है ।
आशा है खजूर का पर्यायवाची शब्द आपको मिल गए होंगे ।