शब्द पर्यायवाची
अभिप्राय 1. आशय | तात्पर्य | मतलब | अर्थ | माने | 2. इरादा | नीयत | इच्छा | मंशा | अभिलाषा | 3. उद्देश्य | लक्ष्य | प्रयोजन | ध्येय |
Abhipray 1. Aashay | Tatparya | Matlab | Arth | Mane | 2. Irada | Niyat | Ichha | Mansha | Abhilasha | 3. Uddeshya | Lakshya | Prayojan | Dhyey |
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‘पर्याय’ शब्द की व्युत्पत्ति(निर्वचन)
‘पर्याय’ शब्द की व्युत्पत्ति परि उपसर्ग पूर्वक इण् गतौ(परावनुपात्यय इणः, अष्टाध्यायी-3/3/38) धातु में घञ् प्रत्यय लगकर निष्पन्न होता है, जिसका तात्पर्य होता है- परितः ईयते गम्यते शब्दार्थः अनेन इति पर्यायः अर्थात् जिसके द्वारा चारो ओर से शब्दार्थ का बोध होता है।
‘पर्याय’ शब्द का सामान्य अर्थ
1. समानार्थक शब्द। समान अर्थ को प्रकट करने वाला शब्द। समान अर्थ का वाचक शब्द। समानार्थवाची शब्द। पर्यायवाची 2. परम्परा। क्रम। सिलसिला। अनुक्रम। 3. प्रकार। भेद। तरह। ढंग। 4. प्रणाली। व्यवस्था। 5. सदृश। समान। बराबर। 6. तरीका। प्रक्रिया की प्रणाली। रीति। 7. एक प्रकार का अलंकार(अर्थालंकार) जिसमें एक वस्तु अनेक आश्रय ग्रहण करता है। घुमाफिरा कर कहना। वक्रोक्ति या वाक्प्रपंच से कहने की रीति। 8. अवसर। मौका। 9. द्रव्य(वस्तु) का धर्म। द्रव्य(वस्तु) का अंश। 10. बारी। उत्तराधिकार। उचित या नियमित क्रम। 11. सृष्टि। निर्माण। तैयारी। रचना।
‘पर्याय’ शब्द का पर्यायवाची
समानार्थी। समार्थी। पर्यायवाची। एकार्थवाची। एकार्थवाचक। एकार्थबोधक। एकार्थी। पर्यायवाचक।
‘पर्यायवाची’ शब्द के विपरीतार्थक शब्द
विपर्याय। अपर्याय। विपरीतार्थ। विलोम।
पर्याय शब्द की व्याख्या |
The word synonym means that it is similar or nearly identical to any other word or phrase in the same language.
समान अर्थ का वाचक पर्यायवाची कहलाता है। पर्यायवाची अथवा पर्यायवाचक शब्द शब्दों के अर्थ में समानता प्रकट करते हैं, इसीलिए व्याकरण की भाषा में सामान अर्थ रखने वाले समानार्थी शब्दों को पर्यायवाची शब्द कहते हैं, जैसे -‘असुर’ – का राक्षस, दैत्य, दनुज आदि।
इस प्रकार व्याकरण के अनुसार पर्यायवाची अथवा समानार्थक शब्द दोनों एक ही भाव प्रकट करते हैं। शब्द व्युत्पत्ति के आधार पर भावों में भिन्नता हो जाती है।
‘समानार्थी‘ अथवा ‘पर्यायवाची’ शब्द जिसका अर्थ है कि यह समान भाषा में किसी अन्य शब्द या वाक्यांश के समान या लगभग समान है।
व्याकरण शास्त्र के अन्दर एक ही शब्द के अनेक अर्थ अथवा भाव होते हैं। इस दृष्टि से ‘पर्याय‘ शब्द को यदि देखा जाय तो हमें इसके अनेक अर्थों की प्राप्ति होगी।